दिन भै भोंपू बजा के , अल्लाये सौ बार |
सोये अल्ला राति मा , मुरगा दिहिन डकार ||
बकरी मछरी काटि कै , खाये गैया मार |
अल्ला पूंछे मोमिनों , ऐ कैसा इफ्तार ???
--जनार्दन पाण्डेय "प्रचंड" 

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