अर्जुन, नागार्जुन, शंकर सब चले गए.
रह गए हम सब कमज़ोर.
काले बाज़ार के चोर सारे.
सोने की चिड़िया तू कहाँ उड़ गयी.
क्षीर के तेरे सागर सारे क्या धूप में झुलस गए.

(मालूम नहीं पर किसी ने तो लिखा है).

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