इधर उधर की
इधर उधर की
Of around
धैर्य की आंधी बनो , आंधी से टकराते रहो।
भंडार सलमान भाई मुन्नी को तो पाकिस्तान छोड़ आये, अब पप्पू को भी इटली छोड़ आओ ना प्लीज।
Of around
धैर्य की आंधी बनो , आंधी से टकराते रहो।
भंडार सलमान भाई मुन्नी को तो पाकिस्तान छोड़ आये, अब पप्पू को भी इटली छोड़ आओ ना प्लीज।
एक कविता छोटी सी
राजपूतों की ऐसी कहानी है , कि राजपूत ही राजपूत कि निशानी है |
हम जब आये तो तुमको एहसास था , कि कोई एक शेर मेरे पास था ||
हम गरम खून के उबाल हैं , प्यासी नदियों की चाल हैं ,
हमारी गर्जना विन्ध्य पर्वतों से टकराती है और हिमालय की चोटी तक जाती है |
गर्व है हमें जिस माँ के पूत हैं , जीतो क्यूंकि हम राजपूत हैं |
एक सवाल मन में कौंधा है नेहरू को चाचा नेहरू क्योँ बुलाया जाता है मामा नेहरू क्योँ नहीं?
एक सवाल मन में कौंधा है नेहरू को चाचा नेहरू क्योँ बुलाया जाता है मामा नेहरू क्योँ नहीं?
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